Results for "किड्स"
बच्चों के एजुकेशन खर्च के लिए इन म्युचुअल फंड स्कीम्स में पैसे लगा सकते हैं #Debt #Balanced #Mid #Large #Gilt
हर माता-पिता अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर एजुकेशन दिलाना चाहता है। लेकिन, जिस हिसाब से प्री-प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन तक के लिए खर्च बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए बहुत से माता-पिता की अपने  बच्चों को अपने मन-मुताबिक एजुकेशन दिलाने की हिम्मत नहीं होती है। ऐसे में प्री-प्राईमरी से ही बच्चों के लिए मनी मैनेजमेंट करना शुरू कर दिया जाए तो ज्यादातर माता-पिता की अपने बच्चों के एजुकेशन को लेकर टेंशन कुछ कम हो सकती है।

वैसे तो आप खुद भी अपने बच्चों के संभावित एजुकेशन खर्च को पूरा करने के लिए फाइनेंशियल प्लान या वित्तीय योजना बनाकर मनी मैनेजमेंट कर सकते हैं लेकिन किसी वित्तीय सलाहकार की मदद से आपका ये काम काफी आसान हो जाएगा। आज हमारे सामने पैसा इकट्ठा करने के कई निवेश साधन हैं लेकिन यहां पर हम म्युचुअल फंड स्कीम की बात कर रहे हैं। यहां हम जानकारी के लिए बता रहे हैं, फैसला आपको अपने अपने हिसाब से लेना है। 

>प्री प्राइमरी और प्राइमरी स्कूल के खर्च के लिए किन स्कीमों में पैसे लगाएं:
किसी भी बच्चे के ग्रोथ और विकास में प्री प्राइमरी और प्राइमरी स्कूल का महत्वपूर्ण योगदान होता है। अभी प्री प्राइमरी और प्राइमरी स्कूल में बच्चों को 3-4 साल का समय होता है और उस पर प्रति बच्चा प्रति साल करीब 75 हजार से सवा लाख तक खर्च करना होता है। मौजूदा खर्च को देखते हुए अगले पांच साल में इसे बढ़कर पौने दो लाख से सवा दो लाख तक होने की संभावना है। 

जाहिर सी बात है ऐसे में अगर माता-पिता अभी से ही पैसे जमा करना शुरू कर दें तो अच्छा रहेगा। किसी अच्छी म्युचुअल फंड स्कीम में एसआईपी करना चाहिए। बच्चों के प्री प्राइमरी और प्राइमरी का समय तीन से चार सालों के लिए होता है तो ऐसे में इस स्टेज तक के एजुकेशन खर्च के लिए डेट या बैलेंस्ड म्युचुअल फंड सही विकल्प साबित हो सकता है। ज्यों ही बच्चे पैदा हो, तुरंत एसआईपी शुरू कर दें। निवेश शुरू करने से पहले फाइनेंशियल प्लान तैयार कर लें।


कुछ डेट फंड:
Aditya Birla Sun Life Medium Term
Axis Strategic Bond Fund
BNP Paribas Medium Term Fund
DHFL Pramerica Medium Term Fund
DSP Bond
Franklin India Income Opportunities
HDFC Medium Term Debt Fund
ICICI Prudential Medium Term Bond Fund
IDFC Bond Fund Medium Term Plan
Indiabulls Income
Kotak Medium Term Fund
L&T Resurgent India Bond Fund
Reliance Strategic Debt Fund
SBI Magnum Medium Duration Fund
Sundaram Medium Term Bond Fund
Tata Medium Term Fund
UTI Medium Term Fund

बैलेंस्ड ए़डवांटेज फंड:
Aditya Birla Sun Life Balanced Advantage Fund
Axis Dynamic Equity Fund
BOI AXA Equity Debt Rebalance
DSP Dynamic Asset Allocation
Edelweiss Balanced Advantage Fund
HDFC Balanced Advantage Fund
ICICI Prudential Balanced Advantage
IDFC Dynamic Equity Fund
Invesco India Dynamic Equity Fund
L&T Dynamic Equity Fund
Motilal Oswal Dynamic Fund
Principal Balanced Advantage Fund
Reliance Balanced Advantage Fund
SBI Dynamic Asset Allocation Fund
Union Balanced Advantage Fund
Unit Linked Insurance Plan

> मिडिल और हाई स्कूल के एजुकेशन खर्च के लिए:
मिडिल और हाई स्कूल के दौरान छात्रों को कई अलग-अलग विषयों के साथ ही अलग -अलग कैरियर ऑप्शन के संबंध में, जिनमें उनकी रूचि होती है, पढ़ाई करनी होती है। इस दौरान हर साल प्रति छात्र एजुकेशन खर्च प्री प्राइमरी और प्राइमरी स्कूल के खर्च से ज्यादा होता है।  इस दौरान पहली से 10 वीं कक्षा तक भारत में औसतन प्रति छात्र प्रति साल पौने दो लाख से पौने तीन लाख तक का खर्च आता है। इसमें स्कूल फीस, एजुकेशन मैटेरियल कॉस्ट, ट्यूशन फीस, एक्स्ट्रा करीकुलर गतिविधियां बगैरह शामिल है। एजुकेशन महंगाई दर जिस हिसाब से बढ़ रही है उसे देखते हुए अगले 10 साल में यही खर्च  बढ़कर 3.50 लाख से 4.70 लाख तक होने का अनुमान है। 

बच्चों के मिडिल और हाई स्कूल के एजुकेशन खर्च के लिए करीब 10-12 साल की निवेश अवधि है। इसके लिए अगर एसआईपी के जरिये मिड और लार्ज कैप म्युचुअल फंड स्कीम में पैसे लगाए जाएं, तो बेहतर विकल्प हो सकता है। 

कुछ मिड कैप फंड्स:

Aditya Birla Sun Life Mid Cap
Axis Midcap
Baroda Midcap
BNP Paribas Midcap
HFL Pramerica Midcap Opportunities
DSP Midcap Fund
Edelweiss Mid Cap Fund
Franklin India Prima
HDFC Mid-Cap Opportunities
ICICI Prudential Midcap
IDBI Midcap Fund
Invesco India Mid Cap
Kotak Emerging Equity
L&T Midcap
Mahindra Unnati Emerging Business Yojana
Motilal Oswal Midcap 30 Fund
Quant Mid Cap Fund
Reliance Growth
SBI Magnum Midcap
Sundaram Mid Cap Fund
Tata Midcap Growth
Taurus Discovery (Midcap) Fund
UTI Mid Cap


कुछ लार्ज कैप फंड्स:
Aditya Birla Sun Life Frontline Equity
Axis Bluechip Fund
Baroda Large Cap
BNP Paribas Large Cap Fund
Canara Robeco Bluechip Equity Fund
DHFL Pramerica Large Cap Fund
DSP Top 100 Equity
Edelweiss Large Cap Fund
Essel Large Cap Equity Fund
Franklin India Bluechip
HDFC Top 100 Fund
HSBC Large Cap Equity Fund
ICICI Prudential Bluechip Fund
IDBI India Top 100 Equity
IDFC Large Cap Fund
Indiabulls Bluechip
Invesco India Largecap Fund
JM Large Cap Fund
Kotak Bluechip Fund
L&T India Large Cap
LIC MF Large Cap Fund
Reliance Large Cap Fund
SBI Bluechip
Tata Large Cap Fund
Taurus Largecap Equity Fund
Union Largecap Fund
UTI Mastershare


> हायर एजुकेशन खर्च के लिए:
हायर एजुकेशन के साथ साथ प्रोफेशनल कोर्सेज का खर्च प्रति छात्र प्रति साल 10 लाख से लेकर करोड़ में चला जाता है। देश में ही मेडिकल, इंजीनियरिंग, बिजनेस मैनेजमेंट आदि की पढ़ाई इतनी महंगी है कि कई लोगों के लिए इन कोर्सेज में एडमिशन दिलाना उनकी हैसियत से बाहर की बात हो जाती है। ऐसे में हायर एजुकेशन के  लिए खर्च जुटाने के लिए जब बच्चा जन्म लें उसी समय से अच्छी म्युचुअल फंड स्कीम में एसआईपी के जरिये पैसे लगाना शुरू कर देना चाहिए। बच्चा 21 साल का हो जाए तब निवेश करते रहना चाहिए। अगर अतिरिक्त पैसे आ जाए तो एकमुश्त रकम का भी निवेश म्युचुअल फंड स्कीम में कर देना बेहतर रहेगा। 

वित्तीय सलाहकार इसके लिए गिल्ट फंड, मिड कैप और लार्ज कैप म्युचुअल फंड स्कीम में पैसे लगाने की सलाह देते हैं। 


गिल्ट फंड:
Aditya Birla Sun Life Government Securities Fund
Axis Gilt Fund
Baroda Gilt
Canara Robeco Gilt 1988 Fund
DHFL Pramerica Gilt
DSP Government Securities
Edelweiss Government Securities
Franklin India Government Securities Fund
HDFC Gilt Fund
ICICI Prudential Gilt Fund
IDBI Gilt
IDFC GSF Investment
Invesco India Gilt Fund
JM G-Sec Fund
Kotak Gilt Investment
L&T Gilt Fund
LIC MF GSF
LIC MF GSF
Reliance Gilt Securities Insta
Reliance Gilt Securities Insta
SBI Magnum Gilt Fund
Tata GSF
UTI Gilt Fund


कुछ मिड कैप फंड्स:

Aditya Birla Sun Life Mid Cap
Axis Midcap
Baroda Midcap
BNP Paribas Midcap
HFL Pramerica Midcap Opportunities
DSP Midcap Fund
Edelweiss Mid Cap Fund
Franklin India Prima
HDFC Mid-Cap Opportunities
ICICI Prudential Midcap
IDBI Midcap Fund
Invesco India Mid Cap
Kotak Emerging Equity
L&T Midcap
Mahindra Unnati Emerging Business Yojana
Motilal Oswal Midcap 30 Fund
Quant Mid Cap Fund
Reliance Growth
SBI Magnum Midcap
Sundaram Mid Cap Fund
Tata Midcap Growth
Taurus Discovery (Midcap) Fund
UTI Mid Cap


कुछ लार्ज कैप फंड्स:
Aditya Birla Sun Life Frontline Equity
Axis Bluechip Fund
Baroda Large Cap
BNP Paribas Large Cap Fund
Canara Robeco Bluechip Equity Fund
DHFL Pramerica Large Cap Fund
DSP Top 100 Equity
Edelweiss Large Cap Fund
Essel Large Cap Equity Fund
Franklin India Bluechip
HDFC Top 100 Fund
HSBC Large Cap Equity Fund
ICICI Prudential Bluechip Fund
IDBI India Top 100 Equity
IDFC Large Cap Fund
Indiabulls Bluechip
Invesco India Largecap Fund
JM Large Cap Fund
Kotak Bluechip Fund
L&T India Large Cap
LIC MF Large Cap Fund
Reliance Large Cap Fund
SBI Bluechip
Tata Large Cap Fund
Taurus Largecap Equity Fund
Union Largecap Fund
UTI Mastershare


(DISCLAIMER: ये केवल जानकारी के लिए है, इसे सलाह मत मानें। किसी भी फंड में निवेश करने से पहले खुद से जांच-परख लें या फिर किसी वित्तीय सलाहकार की मदद लें। )

(सीनियर सिटीजन के लिए बेस्ट म्युचुअल फंड स्कीम...#ELSS #Balanced Advantage #Liquid Fund
((कितने समय के लिए निवेश करना है, उसके आधार पर जानें बेस्ट म्युचुअल फंड स्कीम
((म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से
((माता-पिता का आर्थिक सहारा बनें म्युचुअल फंड की मदद से, जानें कैसे
((म्युचुअल फंड को आसान बनाने के लिए सेबी का बड़ा फैसला
((म्युचुअल फंड: डायरेक्ट प्लान या रेगुलर प्लान-फायदेमंद कौन?
((वॉरेन बफेट को इंडेक्स फंड पसंद है, कहा, दूसरे निवेश में निवेशक नहीं मैनेजर अमीर बनते हैं
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-1:What Is Mutual Fund
म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-1: म्युचुअल फंड क्या है
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-2: Investment of Mutual Fund
म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-2: म्युचुअल फंड का कहां निवेश होता है
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-3:Benefits of Investment in Mutual Fund
म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-3: म्युचुअल फंड में निवेश के फायदे
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-4: म्युचुअल फंड में निवेश किसके जरिये करें
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-5: Role of MF Trustee
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-5: म्युचुअल फंड ट्रस्टी की भूमिका
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-6: What Is Asset Management Company
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-6: परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (AMC) का क्या काम है)
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-7: एनएवी क्या है
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-7: What is NAV
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-8: ऑफर डॉक्यूमेंट, क्लोज्ड एंडेड फंड के बारे में जानें
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-8: Know about Offer Document, Close Ended Fund
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-10: रिडेंप्शम मूल्य, पुनर्खरीद मूल्य क्या है
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-10: What is Redemption&Repurchase Price
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-11: फोलियो नंबर के बारे में जानें
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-11: What is Folio Number
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-12: जानें बैलेंस्ड फंड, फंड ऑफ फंड्स, टैक्स सेवर फंड्स के बारे में
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-12: Meaning of Balance Fund, Fund Of Funds&Tax Saver Fund
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-13: गिल्ट फंड्स, एफएमपी, गोल्ड ईटीएफ क्या है
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-13: What is Gilt Funds,FMPs, GoldETFs((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-14:  एनएफओ, एंट्री या फ्रंट लोड,  एग्जिट या बैंकएंड लोड के बारे में जानें
((Mutual Fund Ki Mehfil:Part-14: Know about NFO, Entry or Front Load &
Exit or Back-end Load
((बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में महंगाई विलेन बने, तो क्या करें
म्युचुअल फंड में पैसे लगाएं, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के तनाव से बचें html
((म्युचुअल फंड में पैसे लगाइए, टैक्स बचाइए; जानें क्यों और कैसे होगा फायदा
((म्युचुअल फंड के जरिए फाइनेंशियल प्लानिंग पूरी करें
((म्युचुअल फंड: क्यों है निवेश का सबसे बेहतर जरिया: भाग-1
((म्युचुअल फंड: क्यों है निवेश का सबसे बेहतर जरिया: भाग-2
(म्युचुअल फंड के जरिए महिलाओं को कैसे मिलेगी आर्थिक आजादी?
((रिटायरमेंट फंड बनाएं, म्युचुअल फंड की मदद से
((What Is FMPs (Fixed Maturity Plans)
एफएमपी (फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान्स) क्या है
((म्युचुअल फंड कंपनियों की सूची

((टीचर हैं तो क्या हुआ, फाइनेंशियल प्लानिंग करना तो, बनता है बॉस

((डॉक्टर कैसे ठीक रखें फाइनेंशियल सेहत

((शादी की खुशी में फाइनेंशियल प्लानिंग करना कहीं भूल तो नहीं गए

((म्युचुअल फंड के जरिए महिलाओं को कैसे मिलेगी आर्थिक आजादी?

((रिटायरमेंट फंड बनाएं, म्युचुअल फंड की मदद से

((म्युचुअल फंड क्या है, इसमें निवेश के 10 फायदे... What is Mutual Fund, 10 Benefiेts of MF Investment

((टैक्स बचत के साथ-साथ बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो ELSS है ना...जानें 7 खास बातें ELSS की

(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'


Plz Follow Me on: 

Rajanish Kant शनिवार, 20 अप्रैल 2019
आपके बच्चों को पैसे की समझ स्कूल में नहीं दी जाती है, इसलिए आप ही दीजिए...जानें कैसे
फोटो झारखंड की CDPO कंचन सिंह की फेसबुक वॉल से 
इसमें कोई शक नहीं है कि आप अपने बच्चों को बेहतर पढ़ाई लिखाई के लिए बढ़िया से बढ़िया स्कूल में भेजते हैं, ट्यूशन में भेजते हैं और समय मिल जाए तो ड्राइंग क्लासेस, स्केटिंग क्लासेस, कम्प्यूटर क्लासेस, डांस क्लासेस, स्विमिंग क्लासेस, कराटे क्लासेस बगैरह में भी ले जाते हैं। ये सब तो ठीक है, लेकिन क्या आपने कभी अपने लाड़ले-लाड़ली को पैसे की समझ देने के बारे में कभी  सोचा है? ज्यादातर लोगों का जवाब मेरे हिसाब से 'नहीं' में होगा, क्यों? 

ठीक है, जब हम भी बचपना का लुत्फ उठा रहे थे तो पैसे की अहमियत नहीं मालूम नहीं था। हमें भी हमारे माता-पिता ने बताया था कि मन लगाकर पढ़ो, मेहनत से पढो और अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी कर लो फिर जिंदगी सेट। हमने भी वही किया। पैसे के बारे में नहीं बल्कि ये सब काम हम अच्छी नौकरी के लिए कर रहे थे। लेकिन जब हम बड़े हो गए हैं, हमारे भी बच्चे हो गए हैं तो हमें तो  कम से कम अपने बच्चों को पैसों की अहमियत बताना शुरू कर देना चाहिए।  

तो, क्यों ना ड्राइंग क्लासेस, स्केटिंग क्लासेस, कम्प्यूटर क्लासेस, डांस क्लासेस, स्विमिंग क्लासेस, कराटे क्लासेस की तरह उनके व्यावहारिक तौर पैसों की समझ दी जाए। यह काम बहुत कठिन नहीं है, बल्कि आसान है। अपने बच्चों को तो आप सामान लाने के लिए बोलते ही होंगे, उनको पॉकट खर्च के लिए भी कुछ पैसे देते होंगे, कभी-कभी बिल बगैरह भरने की भी जिम्मेदारी आप उनको सौंप देते होंगे और अब तो डिजिटल लेन-देन बढ़ रहा है, और हमारे बच्चे शायद इन कामों में हमसे ज्यादा बेहतर समझ रखते हैं,  तो फिर उनको पैसों के बारे में जानकारी देने में तो कोई समस्या है ही नहीं। तो, सवाल है इसके लिए क्या किया जाए.....बस आपको इसके लिए तीन काम करने की जरूरत है...

1)अपने बच्चों को वित्तीय जिम्मेदारी (Financial Responsibilities)दीजिए
2)बच्चों के सामने पैसों से जुड़े कामों के संदर्भ में सही उदाहरण पेश करें
3)अगर आपके बच्चों को पहली तनख्वाह मिले, तो उसका सही प्रबंधन करने में उसकी मदद करें
फोटो झारखंड की CDPO कंचन सिंह की फेसबुक वॉल से 

1)अपने बच्चों को वित्तीय जिम्मेदारी (Financial Responsibilities)दीजिए
-यह जरूरी है कि बच्चे भी पैसे की कीमत समझें। उन्हें बताना होगा साधन सीमित हैं। 
-अगर उन्हें आप अपना बजट बनाने की आजादी देते हैं तो वो कई बहुमूल्य सबक सीखेंगे, जैसे-खर्च उतना 
ही करना चाहिए, जितना आपके पैसे हों, उससे ज्यादा नहीं है और गैर-योजनागत खर्च को नजरअंदाज करना। 
-हममें से बहुत सारे लोग पॉकेट मनी या जेब खर्च के रूप में पहली वित्तीय जिम्मेदारी का स्वाद चखते हैं। तो आप जेब खर्च के प्रबंधन के बारे में जानकारी देकर या फिर बच्चों को ही जेब खर्च के प्रबंधन की आजादी देकर 
उनको वित्तीय रूप से जागरूक बना सकते हैं। 

अपने बच्चों में पैसे की समझ विकसित करने का एक और तरीके है कि उनको कुछ पैसे और खास काम  करने की पूरी जिम्मेदारी दे दीजिए।  मसलन, आप अपने बेटे या अपनी बेटी को कुछ पैसे दे दीजिए और  उनसे कह दीजिए कि महीने भर के लंच का इंतजाम इसी पैसे से करना है, अतिरिक्त पैसे नहीं दिये जाएंगे। अगर वो फिजुलखर्ची करते हैं तो उन्हें पहले ही बता दिया जाए कि उनको और पैसे नहीं दिये जाएंगे।  हो सकता है वो इसके लिए कर्ज लें। तो इससे कर्ज प्रबंधन सीखने में भी उनको मदद मिलेगी।  

2)बच्चों के सामने पैसों से जुड़े कामों के संदर्भ में सही उदाहरण पेश करें
-कहा जाता है कि मां-बाप बच्चे के पहले शिक्षक होते हैं और घर पहला पाठशाला होता है।   तो, बच्चों में पैसे की समझ का विकास भी मां-बाप से ही शुरू हो जाता है। तो पैसों को लेकर आप जिस तरह का व्यवहार करते हैं, उसका असर आपके बच्चों पर भी होता है। अगर आप फिजुलखर्ची करते हैं तो उसका थोड़ा-बहुत असर आपके बच्चों पर हो सकता है और वो भी फिजुलखर्ची को पसंद  करने लग जाते हैं। लेकिन, अगर आप संभल-संभल कर पैसा खर्च करें तो अपने बच्चों में भी ये गुण  समाहित हो सकता है। इसलिए आप जब भी कोई वित्तीय फैसला लेते हैं तो संभल-संभलकर लें। 
-पैसे को लेकर आप जो बजट बनाते हैं उसमें अपने बच्चों को भी भागीदार बनाएं। बाजार में कोई  सामान खरीदने जाते हैं, तो साथ में बच्चे को भी ले जाएं। इसके अलावा, कभी-कभी सामान की पूरी  लिस्ट और उसके हिसाब से जरूरी पैसे अपने बच्चों को देकर सामान लाने के लिए भी कह सकते हैं।  अगर पैसे इस दौरान कोई वित्तीय गलती करते हैं तो उन्हें डांटने-फटकारने के बजाय सही-गलत के  बारे में बताएं। अपने बच्चों के साथ पैसे से संबंधित मुद्दों को खुलकर साझा करें। 
-अपने बच्चों में शुरू से ही बचत की आदत डालें। सामान का मोलभाल करना सिखाएं। बचत की आदत डालने के लिए एक उपाय तो ये है कि उनको बहुत जरूरी-जरूरी-कम जरूरी और बेकार की चीजों  के बारे में बढ़िया से समझाएं ताकि आपका बच्चा फिजुलखर्ची ना करे। 

3)अगर आपके बच्चों को पहली तनख्वाह मिले, तो उसका सही प्रबंधन करने में उसकी मदद करें
लीजिये, ये सब सिखाते-सिखाते आपका बच्चा ना जाने कब बड़ा हो गया और अब उसको नौकरी भी  मिल गई। तो जब आपके बच्चे को पहली तनख्वाह मिले, तो उसे बजट बनाने में मदद करें। किसी भी  युवा के लिए पहली नौकरी मिलना उनकी वित्तीय आजादी की तरफ पहला कदम होता है। 

((वित्तीय शिक्षा (फाइनेंशियल एजुकेशन) यानी जिंदगी बिन तुम्हारे अधूरी, वित्तीय शिक्षा के 10 बड़े लाभ
((फौजी अपने बच्चों को फाइनेंशियल फिट कैसे रखें, A,B,C सिखाने जैसा आसान है  
((अपने बच्चों को गिफ्ट में फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स देंगे, तो कैसा रहेगा? कई फायदे हैं इसके 
((जब आपके बच्चे को बर्थडे गिफ्ट में मिले पैसे, तो ये काम जरूर करें
अपने बच्चे को उनके बर्थडे गिफ्ट के जरिये पैसों के बारे में जागरूक बनाएं
((अब अपने बच्चों को बिंदास दीजिए बैंकों से जुड़ी जिम्मेदारी
(("दौलतमंद बनने की चाहत है, तो फाइनेंस, इतिहास, केमिस्ट्री, बायोलॉजी को भूल जाएं!"
((चाइल्ड के लिए अभी से करें प्लान, तभी बनी रहेगी उसकी मुस्कान
((बच्चों से है प्यार, तो उनके लिए रखें फाइनेंशियल प्लान तैयार
(('Money मित्र' बनकर दें बच्चों को लाड़-प्यार 
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 

((मेरा कविता संग्रह "जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक"खरीदने के लिए क्लिक करें 

(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

Plz Follow Me on: 
((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes 

Rajanish Kant मंगलवार, 4 अप्रैल 2017
फौजी अपने बच्चों को फाइनेंशियली फिट कैसे रखें, A,B,C सिखाने जैसा आसान है
फौजी के बारे में आपके जेहन में कौन सी बातें आती है...उनकी मेंटल और फिजीकल फिटनेस, उनका अनुशासन, उनकी समयनिष्ठा (Punctuality),अपने काम के प्रति उनका समर्पण, देश की रक्षा तो खैर उनकी प्राथमिकता सूची में पहले पायदान पर रहती है। सवाल है कि देश के लिए इतना सब कुछ देने वाला फौजी क्या अपने बच्चों को पैसों के प्रबंधन यानी मनी मैनेजमेंट के बारे में कुछ सबक सिखा सकता है ताकि उनके बच्चे का फाइनेंशियल सफर सुहाना बन सके, उनका जीवन आसान बन सके। तो, इसका जवाब है, हां...। उनके लिए अपने बच्चों को पैसों के बारे में सबक सिखाना ए,बी, सी सिखाने जैसा ही आसान है। फौजी माता-पिता यह काम कुछ बुनियादी दिशानिर्देशों से शुरू कर सकते हैं। 

अक्सर फौजियों का तबादला एक शहर से दूसरे शहर में होता रहता है। एक शहर से दूसरे शहर में जाकर खुद और अपने परिवार की जिंदगी को व्यवस्थित करने के दौरान पैसों के संबंध में कई अहम फैसले लेने पड़ते हैं। शहर बदलते ही आपको अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करनी पड़ती है। सीमित पैसों में घर के लिए जरूरी सामान फिर से खरीदना पड़ता है, बच्चों को दूसरे स्कूल में एडमिशन कराने बगैरह का खर्च अलग। जाहिर है 
आप एक बेहतर मनी मैनेजमेंट स्किल के जरिये ही ये सारा काम कर पाते हैं। तो इससे मिले सबक को आप अपने बच्चों के साझा कर उनको फाइनेंशियल फिट रख सकते हैं। इसे आप बच्चों को मनी मैनेजमेंट सिखाने के मौके के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।  

> फौजियों के साथ-साथ उनके बच्चों में भी जबर्दस्त अनुकूलन क्षमता (Adaptility) होती है। इसका मतलब हुआ कि वे जिस शहर में जाते हैं खुद को उसके अनुरूप ढालने में उन्हें देर नहीं लगती। परिवार के मुखिया होने के नाते आपकी जिम्मेदारी बनती है कि शहर के बदलने पर आप अपने बच्चों से बात करें। उन्हें यह बताएं कि कैसे पहले वाले शहर में होने वाले खर्च के आधार पर ही नए शहर में अपनी जरूरतें पूरी  की जा सकती है। यानी शहर बदलने पर भी जीवन की लागत (Living Of Cost) नहीं बदलें, इसके बारे में अपने बच्चों को बताएं।  हो सके तो अपने बच्चों से भी इस बारे में सुझाव लें और मनी मैनेजमेंट पर उनके साथ विचार-विमर्श करें, उनका आइडिया लें। शायद बच्चों का सुझाव भी आपके काम आ जाए। इससे खर्च के प्रबंधन के बारे में आप एक-दूसरे के विचारों से अवगत हो सकते हैं। आप किसी काम के लिए  कैसे प्लान करते हैं, खर्च में कैसे कटौती करते हैं या फिर कम खर्चों में ही कोई जरूरी काम कैसे निपटा लेते हैं, ये सब आप अपने बच्चों के साथ साझा करेंगे, तो इसका फायदा आपके बच्चे भी उठा सकते हैं। घर का बजट कैसे बनाते हैं, खर्च की प्राथमिकता तय करने के तरीकों के अलावा बचत और निवेश के बारे में भी अपने बच्चों के साथ कीमती विचार साझा कर उनकी भावी जिंदगी को आसान बनाने का काम कर सकते हैं। 

> अब पूछेंगे कि किस उम्र से अपने बच्चों को पैसों के प्रबंधन के संबंध में जानकारी दी जानी चाहिए। तो इसका जवाब भी कठिन नहीं है। तीन मुख्य चरणों में आप अपने बच्चों को लगातार धन प्रबंधन की आदतों को विकसित करने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। पहला चरण है पूर्व-प्राथमिक विद्यालय (आयु 3 से 5); दूसरा चरण है प्राथमिक से मिडिल स्कूल (उम्र 6 से 12); और तीसरा चरण है हाई स्कूल और युवा वयस्कता (13 और उससे अधिक की उम्र)। 

चूंकि आपका बच्चा लगातार आपके आपके खर्च, आपकी कमाई, आपके बचत और निवेश करने की आदत, आपकी उधार लेने या देने के अलावा दान से जुड़ी आपकी गतिविधियों को देखता है। ऐसे में उन्हें भी इन कामों के बारे में सोचने का मौका दें। इनमें से कुछ काम अपने बच्चों को रोजाना देकर उन्हें मनी मैनेजमेंट का अभ्यास करा सकते हैं। 

>आपके बच्चे की उम्र भले ही कम हो, लेकिन वह डिजिटल जमाने का इंसान है और तकनीक का लाभ उठाने में शायद वो आपसे कहीं आगे हो सकता है। बाजार में बच्चों को मनी मैनेजमेंट सिखाने वाले कई मोबाइल ऐप्स, वीडियो गेम मौजूद हैं। आप ऐप्स और वीडियो गेम के जरिये भी अपने बच्चों को मनी मैनेजमेंट का गुर सीखा सकते हैं। इसके साथ ही किड्स मनी मैनेजमेंट पर कई वेबसाइट्स भी  इस मामले में आपकी मदद कर सकती हैं।

>अगर विदेशों में आपकी तैनाती होती है, जहां की करेंसी आपके देश की करेंसी से अलग है। तो, आपके बच्चों को पैसों की ताकत समझाने में और आसानी होगी। ऐसा इसलिए कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में हर करेंसी की कीमत एक नहीं होती है। हर देश की करेंसी की कीमत अलग-अलग होती है, जिसे अक्सर अमेरिकी डॉलर के तुलनात्मक मूल्य में देखा जाता है। किसी सामान की तरफ इशारा कर आप अपने बच्चों को बता सकते हैं कि जापानी करेंसी येन या फिर यूरो, या फिर पाउंड या फिर चीन की युआन या फिर अमेरिकी डॉलर में उसकी क्या कीमत है। 

तो, देखा ना....अगर आप फौजी हैं तो अपने बच्चों को फाइनेंशियल फिट रखना आपके लिए कैसे बाएं हाथ का खेल है....।  फिर देर किस बात की। 

((अपने बच्चों को गिफ्ट में फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स देंगे, तो कैसा रहेगा? कई फायदे हैं इसके 
((जब आपके बच्चे को बर्थडे गिफ्ट में मिले पैसे, तो ये काम जरूर करें
अपने बच्चे को उनके बर्थडे गिफ्ट के जरिये पैसों के बारे में जागरूक बनाएं
((अब अपने बच्चों को बिंदास दीजिए बैंकों से जुड़ी जिम्मेदारी
(("दौलतमंद बनने की चाहत है, तो फाइनेंस, इतिहास, केमिस्ट्री, बायोलॉजी को भूल जाएं!"
((चाइल्ड के लिए अभी से करें प्लान, तभी बनी रहेगी उसकी मुस्कान
((बच्चों से है प्यार, तो उनके लिए रखें फाइनेंशियल प्लान तैयार
(('Money मित्र' बनकर दें बच्चों को लाड़-प्यार  
-----------------------------------------------------------------------------
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 

((मेरा कविता संग्रह "जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक"खरीदने के लिए क्लिक करें 

(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

Plz Follow Me on: 
((इनकम टैक्स में छूट 80 C के अलावा कहां-कहां मिलती है; Income Tax Rebate beyond 80 C  
((इनकम टैक्स का नोटिस मिले, तो क्या करें; If you get Income Tax Notice, what to do 
((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes 

Rajanish Kant सोमवार, 13 मार्च 2017