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RBI Policy Meet: रेपो रेट 0.25% बढ़ाकर 6.50% किया, लोन महंगे होंगे, EMI बढ़ेगी, FD पर ज्यादा ब्याज मिलेगा
रिजर्व बैंक की मौद्रिक पॉलिसी कमेटी ने लगातार दूसरी बार प्रमुख दरों में चौथाई प्रतिशत का इजाफा किया है। कमेटी ने 30,31 जुलाई और एक अगस्त की बैठक में रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत, रिवर्स रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत, एमएसएफ और बैंक रेट में भी 0.25 प्रतिशत का इजाफा करते हुए 6.75 प्रतिशत कर दिया। 
प्रमुख दरों में बढ़ोतरी के बाद होम लोन समेत सभी लोन महंगे होने की संभावना है जबकि बैंक एफडी कराने वालों को फायदा होगा। 
नई प्रमुख दरें:
-रेपो रेट                                  :  6.50%
-रिवर्स रेपो रेट                          :  6.25%
-मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट (MSF): 6.75%
-बैंक रेट                             : 6.75%
-कैश रिजर्व रेश्यो (CRR)   : 4%
-एसएलआर                         :   19.5%
-बेस रेट                              :   8.75 - 9.45%
-MCLR (Overnight) : 7.90% -8.05%
-Savings Deposit Rate : 3.50% - 4.00%
-Term Deposit Rate > 1 Year: 6.25% - 7.00% 

RBI का अनुमान:
-2018-19 की  Q2 में महंगाई दर 4.2 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान
-2019-20 की पहली तिमाही में महंगाई दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान
-2018-19 में जीडीपी ग्रोथ 7.4 प्रतिशत, पहली छमाही में 7.5-7.6 प्रतिशत, दूसरी छमाही में 

7.3-7.4 प्रतिशत और 2019-20 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान

इससे पहले रिजर्व बैंक ने 4,5 और 6 जून की बैठक में मोदी सरकार के कार्यकाल में पहली बार ब्याज दर में इजाफा किया गया था। रेपो रेट में चौथाई प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। 
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Rajanish Kant बुधवार, 1 अगस्त 2018
RBI MPC Meeting: आज दोपहर 2.30 बजे पता चलेगा कि ब्याज बढ़ा या नहीं ? रेपो रेट 0.25% बढ़ने का अनुमान
वर्ष 2018-19 के तृतीय द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के लिए मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक का आज आखिरी दिन है। एमपीसी ब्याज दर पर क्या फैसला लेती है, इसका पता आज  दोपहर 2.30 बजे चलेगा। यह तीनदिवसीय बैठक 30 अगस्त को शुरू हुई थी। कुछ जानकारों का मानना है कि बैठक में प्रमुख दरों में चौथाई प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा सकती है। 
इससे पहले रिजर्व बैंक ने 4,5 और 6 जून की बैठक में मोदी सरकार के कार्यकाल में पहली बार ब्याज दर में इजाफा किया गया था। रेपो रेट में चौथाई प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। 
RBI ने प्रमुख दरों में 0.25% का इजाफा किया, रेपो रेट@6.25%, रिवर्स रेपो रेट@6.00%, EMI बढ़ेगी, FD पर ज्यादा ब्याज मिलेगा

मौजूदा प्रमुख दरें:
-रेपो रेट                                  :  6.25%

-रिवर्स रेपो रेट                          :  6.00%

-मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट (MSF): 6.50%

-बैंक रेट                             : 6.50%

-कैश रिजर्व रेश्यो (CRR)   : 4%

-एसएलआर                         :   19.5%

-बेस रेट                              :   8.75 - 9.45%

-MCLR (Overnight) : 7.90% -8.05%

-Savings Deposit Rate : 3.50% - 4.00%

-Term Deposit Rate > 1 Year: 6.25% - 7.00% 

>30,31 जुलाई, 1 अगस्त की बैठक में क्या है संभावनाएं: 
आज से शुरु हो रही बैठक के बारे में कुछ जानकारों का मानना है कि ब्याज दर स्थिर रखी जा सकती है, जबकि कुछ का मानना है कि बढ़ोतरी की जा सकती है। ब्याज दर में कमी की उम्मीद तो नहीं जताई जा रही है। 

जो जानकार ब्याज दर में बढ़ोतरी का अनुमान जता रहे हैं वो कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी का रुझान, महंगाई दर में इजाफा और डॉलर के मुकाबले रुपए में आ रही गिरावट को वजह मान रहे हैं। अभी महंगाई दर रिजर्व बैंक के मध्यम अवधि के लक्ष्य 4% से ऊपर चल रही है और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट से महंगाई दर पर और दबाव पड़ने की आशंका है। जानकारों का साथ ही ये भी कहना है विकास दर ठीक-ठाक है, ऐसे में रेपो रेट में 0.25 % की बढ़ोतरी मुमकिन है। 

जून में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित महंगाई दर 5.77% दर्ज की गई, जो कि दिसंबर 2013 के बाद सबसे अधिक है, जबकि खुदरा मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित महंगाई दर 5 % दर्ज की गई। हालांकि, जुलाई में महंगाई दर में कमी संभव है, क्योंकि करीब 80 वस्तुओं के जीएसटी में कमी की गई है। लेकिन, कृषि उपजों के एमएसपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बढ़ोतरी की घोषणा से महंगाई दर पर दबाव बढ़ने की भी संभावना जताई जा रही है। 

अगर ब्याज दर बढ़ती है तो लोन और महंगे होंगे, जबकि एफडी करने वालों को फायदा होगा। 

((फाइनेंस का फंडा: भाग-21, RBI की क्या भूमिका है 
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Rajanish Kant
क्या RBI फिर ब्याज 0.25% बढ़ाएगा! आज से मंथन शुरू, 1 अगस्त को पता चलेगा
वर्ष 2018-19 के तृतीय द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के लिए मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक आज से शुरू हो रही है और 1 अगस्त 2018 तक चलेगी। एमपीसी ब्याज दर पर क्या फैसला लेती है, इसकी जानकारी 1 अगस्त 2018 को दोपहर 2.30 बजे पता चलेगा। इससे पहले रिजर्व बैंक ने 4,5 और 6 जून की बैठक में मोदी सरकार के कार्यकाल में पहली बार ब्याज दर में इजाफा किया गया था। रेपो रेट में चौथाई प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। 

मौजूदा प्रमुख दरें:
-रेपो रेट                                  :  6.25%

-रिवर्स रेपो रेट                          :  6.00%

-मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट (MSF): 6.50%

-बैंक रेट                             : 6.50%

-कैश रिजर्व रेश्यो (CRR)   : 4%

-एसएलआर                         :   19.5%

-बेस रेट                              :   8.75 - 9.45%

-MCLR (Overnight) : 7.90% -8.05%

-Savings Deposit Rate : 3.50% - 4.00%

-Term Deposit Rate > 1 Year: 6.25% - 7.00% 

>30,31 जुलाई, 1 अगस्त की बैठक में क्या है संभावनाएं: 
आज से शुरु हो रही बैठक के बारे में कुछ जानकारों का मानना है कि ब्याज दर स्थिर रखी जा सकती है, जबकि कुछ का मानना है कि बढ़ोतरी की जा सकती है। ब्याज दर में कमी की उम्मीद तो नहीं जताई जा रही है। 

जो जानकार ब्याज दर में बढ़ोतरी का अनुमान जता रहे हैं वो कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी का रुझान, महंगाई दर में इजाफा और डॉलर के मुकाबले रुपए में आ रही गिरावट को वजह मान रहे हैं। अभी महंगाई दर रिजर्व बैंक के मध्यम अवधि के लक्ष्य 4% से ऊपर चल रही है और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट से महंगाई दर पर और दबाव पड़ने की आशंका है। जानकारों का साथ ही ये भी कहना है विकास दर ठीक-ठाक है, ऐसे में रेपो रेट में 0.25 % की बढ़ोतरी मुमकिन है। 

जून में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित महंगाई दर 5.77% दर्ज की गई, जो कि दिसंबर 2013 के बाद सबसे अधिक है, जबकि खुदरा मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित महंगाई दर 5 % दर्ज की गई। हालांकि, जुलाई में महंगाई दर में कमी संभव है, क्योंकि करीब 80 वस्तुओं के जीएसटी में कमी की गई है। लेकिन, कृषि उपजों के एमएसपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बढ़ोतरी की घोषणा से महंगाई दर पर दबाव बढ़ने की भी संभावना जताई जा रही है। 

अगर ब्याज दर बढ़ती है तो लोन और महंगे होंगे, जबकि एफडी करने वालों को फायदा होगा। 

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Rajanish Kant सोमवार, 30 जुलाई 2018
RBI ने ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया, SLR में कटौती,आर्थिक वृद्धि अनुमान में की कमी
रिजर्व बैंक की मौद्रिक पॉलिसी समिति ने 6 और 7  जून 2017 की बैठक के बाद रेपो रेट 6.25% पर और रिवर्स रेपो रेट  6% पर स्थिर रखा है। हालांकि, समिति ने एसएलआर को 0.50 प्रतिशत कम करते हुए इसे 20 प्रतिशत कर दिया है। नया एसएलआर 24 जून से लागू होगा।

मौद्रिक पॉलिसी समिति की बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि नीतिगत दरों में कटौती पर फैसला लेने के लिए आगे आने वाले आंकड़ों का इंतजार किया जाएगा। साथ ही इस बात पर भी सहमति बनी कि घरेलू इकोनॉमी की सेहत ठीक करने के लिए निजी निवेश को बढ़ाने, बैंकिंग सेक्टर की हालत सुधारने और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने की जरूरत है।

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में महंगाई दर 2-3.5 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 3.5-4.5 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान लगाया है। रिजर्व बैंक ने इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को भी 7.4 प्रतिशत से घटा कर 7.3 प्रतिशत कर दिया.

RBI की इस बैठक का मिनट्स 21 जून को प्रकाशित होगा,जबकि मौद्रिक पॉलिसी समिति की अगली बैठक 1 और 2 अगस्त को होगी।

Second Bi-monthly Monetary Policy Statement, 2017-18 
रिवर्स रेपो रेट को ऐसे समझिए: बैंकों के पास दिन भर के कामकाज के बाद बहुत बार एक बड़ी रकम शेष बच जाती है। बैंक वह रकम अपने पास रखने के बजाय रिजर्व बैंक में रख सकते हैं, जिस पर उन्हें रिजर्व बैंक से ब्याज भी मिलता है। जिस दर पर यह ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं।

वैसे कई बार रिजर्व बैंक को लगता है कि बाजार में बहुत ज्यादा नकदी हो गई है तब वह रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी कर देता है। इससे होता यह है कि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपना पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने लगते हैं।

रिजर्व बैंक की प्रमुख दरें:
रेट                                           पुराना रेट ( %)              मौजूदा रेट ( %)
>रेपो रेट:                                              6.25                 6.25
----------------------------------------------------------------------------------------
>रिवर्स रेपो रेट:                                      5.75                6.00
----------------------------------------------------------------------------------------
>मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट (MSF):  6.75               6.50
-------------------------------------------------- -----------------------------------------            
>कैश रिजर्व रेश्यो (CRR):                        4                      4.00
------------------------------------------------------------------------------------------
>बैंक रेट:                                               6.75                    6.50
---------------------------------------------------------------------------------------------
>SLR:                                                    20.50             20.00
-------------------------------------------------------- -------------------------------------
>बेस रेट        :                                  9.25 - 9.65                   9.25-9.60
-----------------------------------------------------------------------------------------------
>MCLR (Overnight) :                        7.75 -8.20                     7.75-8.20  
---------------------------------------------------------------------------------------------
>Savings Deposit Rate :                               4                                 4.00
--------------------------------------------------------------------------------------------------
>Term Deposit Rate > 1 Year :                  6.50- 7.00                          6.50-7.00
--------------------------------------------------------------------------------------------------

((5 और 6 अप्रैल 2017 की RBI मौद्रिक पॉलिसी समिति बैठक: रेपो रेट जस का तस, रिवर्स रेपो रेट 0.25% बढ़ा 
((RBI ने 7,8 फरवरी की बैठक में ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया 
(वर्ष 2017-18 में मौद्रिक नीति समिति की कब-कब बैठक होगी, जानिए बैठकों की समयसारिणी
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Rajanish Kant बुधवार, 7 जून 2017
रिजर्व बैंक की मौद्रिक पॉलिसी समिति की बैठक आज से, ब्याज दर स्थिर रखे जाने का अनुमान, कल आएगा फैसला


रिजर्व बैंक की मौद्रिक पॉलिसी समिति आज से ब्याज दर पर फैसला करने के लिए बैठक करेगी। कल दोपहर ढाई बजे फैसले के बारे में जानकारी मिलेगी। ज्यादातर जानकारों का मानना है कि समिति ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करेगी। लेकिन, पिछले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर में आई गिरावट और इस साल बेहतर मॉनसून के अनुमान की वजह से इंडस्ट्री ब्याज दर में कमी की मांग कर रही है। 
आपको बता दें कि देश की आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2016-17 में गिरकर तीन साल के निचले स्तर पर आ गई है। यही नहीं, वित्त वर्ष जनवरी-मार्च की जीडीपी ग्रोथ 6.1 प्रतिशत दर्ज की गई है। इससे दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करने का जो हमें तमगा मिला हुआ था, वो भी हमने खो दिये हैं। इस मामले में चीन फिर से हमसे आगे निकल गया है। चीन ने जनवरी-मार्च तिमाही में 6.9 प्रतिशत की दर से विकास किया है। 
एसोचैम ने कहा है कि नौकरियों को बचाने, ग्रोथ को बढ़ाने और इंडस्ट्री पर से नोटबंदी के असर को कम से कम करने के लिए रिजर्व बैंक को प्रमुख नीतिगत दरों में कमी करनी चाहिए।
आपको बता दें कि इससे पहले अप्रैल में हुई आरबीआई मौद्रिक पॉलिसी समिति की बैठक में रेपो रेट को तो 6.25 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया था लेकिन रिवर्स रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत  बढ़ोतरी करते हुए इसे 5.75 प्रतिशत से 6 प्रतिशत कर दिया गया था।  वहीं दूसरी ओर, एमएसएफ और बैंक रेट में चौथाई परसेंट की कमी करते हुए इसे 6.75 प्रतिशत से  6.50 प्रतिशत कर दिया गया था।   
'अगले 18 महीने तक RBI शायद ही नीतिगत दर घटाये'
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Rajanish Kant मंगलवार, 6 जून 2017
मॉनसून है मेहरबान, विकास की थम गई रफ्तार, RBI से ब्याज दर घटाने की गुहार, 6-7 जून को RBI की बैठक
देश की आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2016-17 में गिरकर तीन साल के निचले स्तर पर आ गई है। यही नहीं, वित्त वर्ष जनवरी-मार्च की जीडीपी ग्रोथ 6.1 प्रतिशत दर्ज की गई है। इससे दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करने का जो हमें तमगा मिला हुआ था, वो भी हमने खो दिये हैं। इस मामले में चीन फिर से हमसे आगे निकल गया है। चीन ने समान तिमाही में 6.9 प्रतिशत की दर से विकास किया है। 
इस साल मॉनसून भी बेहतर रहने का अनुमान है। इससे कृषि सेक्टर के साथ-साथ पूरी इकोनॉमी को ऑक्सीजन मिलने के आसार हैं। ऐसे में भारतीय कंपनियों और अर्थशास्त्रियों की नजरें रिजर्व बैंक की मौद्रिक पॉलिसी समिति की बैठक पर जा टिकी हैं। यह बैठक अगले हफ्ते की 6-7 तारीख को होने वाली है। कंपनियों और अर्थशास्त्रियों ने आरबीआई से ब्याज दर घटाने की मांग की है। 
एसोचैम ने कहा है कि नौकरियों को बचाने, ग्रोथ को बढ़ाने और इंडस्ट्री पर से नोटबंदी के असर को कम से कम करने के लिए रिजर्व बैंक को प्रमुख नीतिगत दरों में कमी करनी चाहिए। आपको बता दें कि इससे पहले अप्रैल में हुई आरबीआई मौद्रिक पॉलिसी समिति की बैठक में रेपो रेट को तो 6.25 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया था लेकिन रिवर्स रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत  बढ़ोतरी करते हुए इसे 5.75 प्रतिशत से 6 प्रतिशत कर दिया गया था।  वहीं दूसरी ओर, एमएसएफ और बैंक रेट में चौथाई परसेंट की कमी करते हुए इसे 6.75 प्रतिशत से  6.50 प्रतिशत कर दिया गया था।   
'अगले 18 महीने तक RBI शायद ही नीतिगत दर घटाये'
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Rajanish Kant गुरुवार, 1 जून 2017