Results for "आरबीआई वार्षिक रिपोर्ट 2016-17"
आरबीआई ने जारी की अपनी वार्षिक रिपोर्ट, जानिए खास बातें
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट, 2016-17 जारी की
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2016-17 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट आज जारी की, जो रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की एक सांविधिक रिपोर्ट है।
(Source: rbi.org.in)

विस्तार से पढ़ें-

> खास बातें: रिपोर्ट के मुताबिक,
-नोटबंदी के दौरान बैन किए गए ₹ 1000 के पुराने 
नोटों में से करीब 99 प्रतिशत बैंकिंग सिस्टम में वापस लौट आए हैं। ₹ 1000 
के 8.9 करोड़ नोट (1.3 प्रतिशत) नहीं लौटे हैं। 
-2017-18 में वैश्विक वृद्धि में सुधार हो रहा है
-नोटबंदी के बाद, नीतिगत दरों में कटौती तो की गई, लेकिन
बैंक इस कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं
-बैंकों ने कर्ज की दरों में कमी की है लेकिन ऋण वृद्धि 
(क्रेडिट ग्रोथ) में सुधार नहीं हुआ है। ऐसा इसलिए कि बैंक 
जोखिम न लेने पर अड़े हुए हैं। 
-निजी निवेश गतिविधियां मंद रही हैं
-कृषि और सहयोगी क्रियाकलापों में 2016-17 के 
दौरान तेज उछाल देखा गया। 
-2016-17 के दौरान बहुत सी इंफ्रा परियोजनाएं रुक गईं हैं। 
ऐसा पर्यावरण अनापत्तियों, भूमि अधिग्रहण मामलों और 
संरचनात्मक बाधाओं के कारण हुआ है। 
-जीएसटी लागू होने से आने वाले समय में हेडलाइन महंगाई
दर पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा
-2017-18 की पहली छमाही में मुद्रास्फीति 2.0-3.5 प्रतिशत
और दूसरी छमाही में 3.5-4.5 प्रतिशत के दायरे में रहने का 
अनुमान है।
-2017-18 में संतुलित जोखिम समेत वास्तविक जीवीए वृद्धि
2016-17 के 6.6 प्रतिशत के मुकाबले 7.3 प्रतिशत रहने
का अनुमान 
-2017-18 में आर्थिक क्रियाकलापों को फिर से बल 
मिलने की वजह: दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहने 
की उम्मीद, पुनर्मुद्रीकरण की बढ़ती गति, 7 वें वेतन 
आयोग के बाद बढ़ी सैलरी से उपभोक्ता मांग में बढ़ोतरी की 
संभावना, यूनियन बजट में पूंजीगत व्यय पर जोर, आवासन
एमएसएमई, जीएसटी और रेरा का लागू होना....
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Rajanish Kant बुधवार, 30 अगस्त 2017