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सरकार के बजट पर नजर, अपने बजट को नजरअंदाज क्यों?
http://blogs.rediff.com/paiselelo/2014/08/17/aaaaa-aay-aaay-aa-aaa-a-aaay-aaay-aay-aaaa-aaaa-aayaaya/

सरकार के बजट पर नजर, अपने बजट को नजरअंदाज क्यों?
आम बजट अब आने वाला है। जाहिर है हर लोग वित्त मंत्री जी कुछ न कुछ उम्मीद लगाए बैठे होंगे। लेकिन ऐसे में एक सवाल उठता है कि बजट चाहे केंद्र सरकार का हो, राज्य सरकार का हो, स्थानीय सरकार का हो, हम उस पर पैनी नजर रखते हैं। लेकिन जब बात अपना बजट बनाने की हो, तो हम उसे नजरअंदाज कर देते हैं।

बजट के दौरान हम अक्सर इनकम पर कितनी छूट मिली, क्या महंगा हुआ, क्या सस्ता हुआ, अलग-अलग सेक्टर के लिए कितने पैसे दिए गए, किस पर टैक्स बढ़ा, किस पर टैक्स घटा, किन चीजों को टैक्स के दायरे में लाया हूं, सरकार इनकम कहां से जुटाएगी, जैसे मुद्दों पर बढ़-चढ़कर बहस करते हैं, बजट की कमियों और अच्छाइयों को गिनाते हैं, लेकिन कभी आपने अपने घर के बजट के बारे में सोचा है क्या।

सरकारी बजट पर नजर लेकिन खुद के बजट को नजरअंदाज करना, ये तो खुद के साथ बड़ी नाइंसाफी है।

किसी भी फाइनेंशियल प्लानिंग का एक अहम हिस्सा है बजट। आम तौर लोग निवेश को ही अपना बजट समझ लेते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। बल्कि सही बजट वो होता है जिसके तहत आपको अपने पैसों का सही प्रबंधन करना आना चाहिए।

तो  इसके तहत सबसे पहले आपको अपने खर्च की लिस्ट बनानी चाहिए। मसलन, घर का किराया या फिर होम लोन के लिए EMI। इसके अलावा, दूसरे खर्च भी मसलन, सभी तरह के बिल, फीस, मजदूरी, कोई बकाया हो तो और रोजमर्रा  के खर्चों की भी लिस्ट आप बना लें।

इसके साथ ही जिसके लिए कोई तारीख तय की गई हो, तो लिस्ट में तारीख का भी जिक्र जरूर करें। इसके बाद अगर किसी तरह का बकाया नहीं हो तो कोशिश करें कि महीने के शुरुआती 10 दिनों में रोजमर्रा का खर्च जुटा लें। दूसरा उपाय ये भी है कि आप अपना एक  खर्च फंड बना लें और खर्च के लिए जरूरी पैसों को उसमें पहले ही रख दें। आजकल कई बैंक इस तरह की सुविधा अपने यहां दे रहे हैं। उसका भी लाभ आप उठा सकते हैं।

कई तरह के खर्च ऐसे होते हैं जिसे किसी भी हाल में टाला नहीं जा सकता है। मसलन, होम या किसी भी लोन की EMI, क्रेडिट कार्ड बिल। अगर आप इसे समय पर नहीं चुकाते हैं तो आप को जुर्माना भी देना पड़ेगा। यानी आप पर इसका बोझ बढ़ता जाएगा। तो इसके लिए महीने के शुरुआत में एक अलग से जरूरी खर्च फंड बना लें।

इसके बाद अपनी इनकम की तुलना में आपका खर्च कितना होता है, पता कर लें। अगर खर्च ज्यादा हो रहा है तो या फिर उसमें कटौती करें या फिर ज्यादा इनकम के लिए नया विकल्प तलाशें।

आपके लिए एक आपातकालीन फंड भी बनाना जरूरी है। अपनी इनकम का कुछ हिस्सा इसमें भी रखें ताकि किसी आकस्मिक जरूरत के समय इसका इस्तेमाल किया जा सके।

शुरुआत से ही आप इस पर अमल ना करें बल्कि कुछ समय तक इस रणनीति को आप प्रयोग के तौर पर आजमाएं। कम से कम छह महीने तक इसे प्रयोग के तौर पर करें और जरूरत के मुताबिक बदलाव करते रहें फिर उसका सख्ती से अमल में लाएं।

समय-समय पर अपने बजट को जरूरत के मुताबिक बदलते भी रहना चाहिए। ऐसा इसलिए कि खर्च बढ़ जाते हैं, आपकी इनकम बढ़ जाती है, आपकी जरूरतें बदल जाती है। जरा सोचिए, सरकार अगर बजट नहीं बनाएगी तो देश कैसे चलेगा, उसी तरह से घर चलाने के लिए  भी बजट हो, तो जिंदगी आसान बन जाती है।

Rajanish Kant रविवार, 18 जनवरी 2015