2018 की पहली छमाही में आईपीओ रहे सुपरहिट, कंपनियों ने जुटाए ₹23, 670 करोड़

कंपनियों ने आईपीओ के जरिये 2018 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में कंपनियों ने ₹23, 670 करोड़ जुटाए, जो कि पिछले साल की इसी छमाही के मुकाबले दोगुना है। इस साल का अगला छह महीना भी आईपीओ बाजार शानदार रहने का अनुमान है। 

अगली छमाही (जुलाई-दिसंबर) में एचडीएफसी म्युचुअल फंड, लोढा डेवलपर्स और रेल विकास निगम समत करीब 50 कंपनियों के आईपीओ आने की उम्मीद है। 18 कंपनियों ने सेबी से आईपीओ लाने की मंजूरी हासिल कर ली है, जबकि करीब 28 कंपनियों ने सेबी के पास आईपीओ लाने के लिए अर्जी दी है। 

2018 में जनवरी-जून के दौरान 18 कंपनियों ने प्राथमिक बाजार से  ₹23, 670 करोड़ जुटाये, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 13 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये ₹12,000 करोड़ जुटाये थे। अगर बात 2016 की पहली छमाही की करें, तो 11 आईपीओ के जरिये ₹6,962 करोड़ जुटाये गए थे।

2018 की पहली छमाही में सबसे बड़ा आईपीओ बंधन बैंक (₹4,473 करोड़) का था, उसके बाद हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स (₹4,229 करोड़), ICICI सिक्योरिटीज (₹3,515 करोड़), वैरॉक इंजीनियरिंग (₹1,955 करोड़), इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस (₹1,844 करोड़) और लेमन ट्री हाउस (₹1,040 करोड़) का रहा। इस दौरान के अन्य आईपीओ रहे-भारत डायनामिक्स, RITES और मिधानी। कंपनियों ने आईपीओ से जुटाये गए पैसों का ज्यादातर इस्तेमाल कारोबार का विस्तार करने, लोन चुकाने और सामान्य कारोबारी कामकाज के लिए किया। 

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