इंश्योरेंस पॉलिसी लेकर इनकम टैक्स बचाइये, प्रोटेक्शन भी मिलेगा

अगर आप इनकम टैक्स बचाने के लिए किसी निवेश साधन की तलाश में हैं तो इश्योरेंस पॉलिसी आपके लिए बेहतर च्वाइस साबित हो सकती है। लाइफ इंश्योरेंस के साथ-साथ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी और पेंशन प्लान लेने पर आपको इनकम टैक्स में छूट मिल सकती है। आपको बता दूं कि इंश्योरेंस पॉलिसी अपने और अपने परिवार के प्रोटेक्शन के लिए, अपनी फैमिली फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए, अपने चाइल्ड प्लान के लिए या फिर अपने पेंशन या रिटायरमेंट प्लान के लिए  भी ले सकते हैं। पैसे कमाना शुरू करने के बाद जितनी जल्दी आप इंश्योरेंस पॉलिसी लेंगे, उतना ही बेहतर है। किसी भी इंसान की फाइनेंशियल प्लानिंग में इंश्योरेंस पॉलिसी जरूरी है। 

आपको बता दूं कि किसी अनचाहे हादसे से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई करती है इंश्योरेंस।  इंश्योरेंस ट्रैडिशनल (टर्म प्लान, होल लाइफ प्लान, एंडोमेंट प्लान, मनी बैक प्लान, प्योर टर्म प्लान) और नॉन-ट्रैडिशनल (यूलिप और वीआईपी) दो तरह के होते हैं। इंश्योरेंस पॉलिसी लेने पर आपको प्रीमियम देना होता है, जो मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना हो सकती है। प्रीमियम पर आपको टैक्स छूट मिलती है। 


>लाइफ इंश्योरेंस- सबसे महत्वपूर्ण इंश्योरेंस कवर माना जाता है लाइफ इंश्योरेंस। इसमें कोई भी शख्स अपना कवर इसलिए लेता है ताकि उसकी गैर-मौजुदगी में उसकी फैमिली को किसी भी तरह की आर्थिक दिक्कत ना हो। वो रहे या ना रहे, उसकी फैमिली जिंदगी सुकून से चले। उसके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में उसके ना रहने पर कोई पैसों की कमी का सामना ना करना पड़ा या फिर अपनी रिटायरमेंट की जिंदगी आत्म-सम्मान और बिना किसी के ऊपर निर्भर रहकर बीताना चाहे, तो इंश्योरेंस लेना काफी जरूरी होता है।

वित्त वर्ष के दौरान अपनी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर जो प्रीमियम चुकाते हैं, उस पर इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत इनकम टैक्स पर छूट मिलती है यानी आपकी टैक्सेबल इनकम में से प्रीमियम घटा दिया जाता है। एक वित्त वर्ष में लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर डेढ़ लाख रुपए तक छूट है। आप चाहे टर्म इंश्योरेंस प्लान लें या फिर एंडोमेंट प्लान लें या फिर मनी बैंक प्लान लें या फिर यूलिप लें, हर किसी की प्रीमियम पर आपको इनकम टैक्स छूट मिलेगी।

इसके अलावा, पॉलिसी होल्डर यानी जिन्होंने पॉलिसी ली है उसकी मौत या फिर पॉलिसी की अवधि पूरी होने मतलब मैच्योरिटी पर मिली रकम भी इनकम टैक्स की धारा 10 डी के तहत टैक्स छूट के योग्य होती है।

अगर पांच साल के  पहले आपकी पॉलिसी किसी वजह से टर्मिनेट कर दी जाती है तो उससे मिली रकम आपकी इनकम में जोड़ी जाएगी और आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा।
>हेल्थ इंश्योरेंस :  इनकम टैक्स की धारा 80 डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस की प्रीमियम पर आप वित्त वर्ष में 55 हजार रुपए तक टैक्स बचा सकते हैं। अगर आपकी उम्र 60 साल या उससे कम है तो हेल्थ इंश्योरेंस की प्रीमियम पर   25 हजार तक टैक्स छूट मिलेगी और अगर आपकी उम्र 60 साल या उससे अधिक है तो आपको आपकी इंश्योरेंस प्रीमियम पर   30 हजार रुपए तक टैक्स छूट मिलेगी। अगर आपने अपने साथ-साथ अपने 60 साल या उससे अधिक की उम्र के माता-पिता का हेल्थ इंश्योरेंस करवाया है तो आपको 55 हजार रुपए तक की इनकम टैक्स छूट मिलेगी।

> पेंशन प्लान या रिटायरमेंट प्लान या Annuity Plan: इनकम टैक्स की धारा 80सी के सब-सेक्शन 80 सीसीसी के तहत पेंशन प्लान या रिटायरमेंट प्लान या Annuity Plan के बारे में इनकम टैक्स का प्रावधान है। इसके लिए दी गई प्रीमियम भी डेढ़ लाख रुपए की टैक्स छूट सीमा में ही आती है। लेकिन, मैच्योरिटी पर जो रकम मिलती है उसके दो तिहाई पर मामूली टैक्स लगता है लेकिन बाकी रकम टैक्स फ्री रहती है। अगर पेंशन प्लान के लाभार्थी की मौत हो जाती है तो मैच्योरिटी पर मिली रकम पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है। 

तो, देर किस बात की..जल्द से कोई इंश्योरेंस प्लान ले लें और टैक्स भी बचाइये और सुरक्षा कवर भी लीजिए। 

> कुछ टैक्स सेविंग्स साधनों की तुलना:
निवेेश साधन           रिटर्न टाइप                             लॉक-इन                  रिटर्न
----------------------------------------------------------------------------------------------
1) ELSS               मार्केट लिंक्ड (इक्विटी)                  3 साल                  12-15%
-------------------------------------------------------------------------------------------------
2)NPS         मार्केट लिंक्ड (इक्विटी और डेट )     रिटायरमेंट तक       लंबी अवधि में 8-10% 
------------------------------------------------------------------------------------------------------------    
3)PPF          गारंटी                                             15 साल           7-8% (हर तिमाही में RE-SET) 
-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
4)इंश्योरेंस      मार्केट लिंक्ड/गारंटी                         मैच्योरिटी               4-10% (निवेश साधन पर निर्भर)
--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
4) बैंक एफडी    प्रति अकाउंट 1 लाख गारंटी        मिनिमम 5 साल                 7-9%

वित्त वर्ष 2017-18 में कितना इनकम टैक्स देना होगा
इनकम हुई है तो इनकम टैक्स लगेगा, इनकम टैक्स बचा भी सकते हैं...
((सबसे फायदेमंद टैक्स बचत साधन कौन-लाइफ इंश्योरेंस प्लान, बैंक FD, PPF, NSCs, NPS, ELSS या सुकन्या समृद्धि योजना?
((आम बजट 2017-18: कहां निवेश कर ज्यादा टैक्स बचाएं और कैसे बढाएं टेक होम सैलरी
((आम बजट 2017-18: इनकम टैक्स से जुड़े आपके हर सवाल का जवाब यहां मिलेगा, जानें टैक्स बचाने के लिए आप कहां-कहां निवेश करें   
((आम बजट  2017-18: निवेश के लिए रियल एस्टेट लाभदायक या हानिकारक !
((आयकर (इनकम टैक्स) के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब
(फिशिंग (जालसाजी) क्या है, कैसे होते हैं इसके नमूने, इससे बचाव के उपाय
((इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, क्या करूं ?
((टैक्स फ्री बॉन्ड, एफडी, पीपीएफ में बेहतर कौन ?
((सुकन्या समृद्धि योजना (SSY),PPF या फिर टैक्स सेविंग FD !
((NPS और PF में से बेहतर कौन ?
((घर बैठे कैसे खोलें एनपीएस खाता (NPS Account), एकदम आसान है
((अबकी बार, अप्रैल से ही शुरू कर दें टैक्स प्लान
((अप्रैल खत्म, टैक्स प्लानिंग की गाड़ी आगे बढ़ी या नहीं
((आय के संयोजन (Clubbing of Income) के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब
(पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन्स-Capital Gains) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब
((पैन (PAN) और टैन (TAN) में क्या अंतर है
((जाने कर मुक्त (टैक्स फ्री) आमदनी के बारे में
((गृह संपत्ति के तहत किस आमदनी पर कर लागू किया जाता है ?
((उपहार को लेकर कर के प्रावधानों के बारे में जानें
((टैक्सपेयर्स की आय में कौन-कौन सी कैटेगरी शामिल है
((टैक्स बचाने के  11 आसान  तरीके  11  Ways to Save Tax 
-कर मुक्त पूंजीगत लाभ वाली कमाई
-इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत टैक्स बचत साधन
-इनकम टैक्स की धारा 80 सी के अलावा टैक्स बचत साधन
कैसे करें  ऑनलाइन IT रिटर्न फाइल, जानें beyourmoneymanager पर

(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 
((जानें वो आंकड़े-सूचना-सरकारी फैसले और खबर, जो शेयर मार्केट पर डालते हैं असर
म्युचुअल फंड के बदल गए नियम, बदलाव से निवेशकों को फायदा या नुकसान, जानें विस्तार से  
((फाइनेंशियल प्लानिंग (वित्तीय योजना) क्या है और क्यों जरूरी है?
((ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?
((कैसे करें शेयर बाजार में एंट्री 
((सामान खरीदने जैसा आसान है शेयर बाजार में पैसे लगाना
((खुद का खर्च कैसे मैनेज करें? 
(बच्चों को फाइनेंशियल एजुकेशन क्यों देना चाहिए पर हिन्दी किताब- बेटा हमारा दौलतमंद बनेगा)
((मेरा कविता संग्रह "जब सपने बन जाते हैं मार्गदर्शक"खरीदने के लिए क्लिक करें 

(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

Plz Follow Me on: 
((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes 


कोई टिप्पणी नहीं