सस्ता हुआ लोन, क्या EMI का बोझ कम करने के लिए आप लोन अकाउंट ट्रांसफर करना चाहेंगे?

रिजर्व बैंक द्वारा अक्टूबर की मौद्रिक पॉलिसी में रेपो रेट में चौथाई परसेंट की कटौती के बाद बैंक भी कर्ज की दरों में कमी कर रहे हैं। बैंकों ने एमसीएलआर में तो कमी की ही हैं, अब होम लोन रेट्स भी घटा रहे हैं। भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और आईसीआईसीआई बैंक के अलावा एचडीएफसी ने भी होम लोन की दरों में 0.15% की कमी कर दी है। इनके द्वारा होम लोन की दरों में कमी के बाद ताजा दर इस प्रकार है....




कहां मिल रहा है कितना सस्ता होम लोन?
होम लोन 75 लाख रुपए तक 
बैंक        महिला ग्राहक के लिए ( %)            अन्य के लिए (%)
SBI                       9.10                                      9.15
HDFC                   9.15                                   9.20
ICICI बैंक           9.15                                        9.20  

क्या आपको होम लोन अकाउंट ट्रांसफर करना चाहिए...

जानकारों के मुताबिक, आने वाले दिनों में दूसरे बैंक भी होम लोन की दरों में कटौती की रेस में शामिल हो सकते हैं। लेकिन, फिलहाल भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी के नए ग्राहकों को ही सस्ता होम लोन का फायदा मिलेगा। मौजूदा ग्राहकों को भी तभी कर्ज की दरों में कटौती का फायदा मिल सकेगा जब बैंक बेस रेट में कमी करेंगे।  सस्ता होम लोन मतलब ईएमआई के बोझ में कमी। तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दूसरे बैंक या फिर संबंधित बैंकों के मौजूदा होम लोन ग्राहकों को ईएमआई का बोझ कम करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी की नई होम लोन दरों में अपना लोन अकाउंट ट्रांसफर करना चाहिए या नहीं? 

जानकारों के मुताबिक, ऐसा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें कि क्या आपके लिए लोन ट्रांसफर करने का ये सही वक्त है...लोन ट्रांसफर करते समय बकाया लोन समेत ट्रांसफर में होने वाले दूसरे खर्चों मसलन, स्टैंप ड्यूटी या जहां लोन ट्रांसफर कर रहे हैं वहां की प्रोसेसिंग फीस बगैरह और जिस बैंक में आपका मौजूदा लोन वहां पर ट्रांसफर करने के एवज में लिया जाने वाला चार्ज अगर कोई हो तो, इन सबको जोड़ना चाहिए, तब लोन ट्रांसफर करनेका फायदा या नुकसान का पता चलेगा।

जानकारों के मुताबिक, आप लोन ट्रांसफर करें, यदि 

-जहां आपका मौजूदा लोन है और जहां आप लोन ट्रांसफर करना
चाहते हैं, दोनों के बीच कर्ज की दरों में कम से कम 0.50% का अंतर हो

-मौजूदा लोन चुकाने की अवधि 5 साल से अधिक हो

-मौजूदा कर्जदाता की सेवा से आप संतुष्ट ना हों

लेंडिंग रेट्स में अंतर से ऐसे होता है फायदा:  

मान लिया आपने 15 साल के लिए 9.85% सालाना की ब्याज दर से 50 लाख रुपए का होम लोन लिया। ऐसे में आपको हर महीने ईएमआई के तौर पर 53,272 रुपए चुकाना होगा। अगर आप इतना ही लोन 15 साल के लिए 9.7% की दर से लेते हैं तो आपको हर महीने 52,937  रुपए चुकाना होगा यानी लेंडिंग रेट्स में 0.15% की कमी से आपको हर महीने  335 रुपए (53,272 रुपए-52,937 रुपए) की बचत होगी। यानी 15 साल में आपको 15x12X335=60,300 रुपए की बचत होगी। इसमें से अगर आपने 5 साल लोन चुकाया हो तो लोन ट्रांसफर करने पर 10 साल में आपकी बचत होगी 10x12X335=40,200 रुपए। यानी अगर आप लोन ट्रांसफर करने जा रहे हैं तो ये बात ध्यान में रहनी चाहिए कि आपको हर कीमत पर  40,200 रुपए से ज्यादा का फायदा हो। अगर ऐसा नहीं है तो फिर लोन ट्रांसफर करने का कोई फायदा नहीं मिलेगा।

अगर आप महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और राजस्थान में किसी एक बैंक से दूसरे बैंक में होम लोन ट्रांसफर कर रहे हैं तो आपको स्टैंप ड्यूटी भी चुकाना पड़ेगा जो कि बकाया लोन का 0.15-0.5% है।



कोई टिप्पणी नहीं