बप्पा से सीखिए संपत्ति निर्माण ( Wealth Creation) के 7 गुर

हम हर साल विद्याा, ज्ञान, बुद्धि और धन के देवता गणेशजी को स्थापित करते है लेकिन क्या आप जानते हैं उनकी विशेषताओं को अपनाकर हम संपत्ति निर्माण यानी वेल्थ किएशन, धन वृद्धि और धन का संरक्षण भी कर सकते हैं। मसलन, बप्पा के स्वागत के लिए हम घरों की साफ-सफाई करते हैं, रंगोली सजाते हैं, रास्तों की गंदगी को हटा देते हैं, उसी तरह से हम अपने निवेश पोर्टफोलियो ( निवेश की लिस्ट को पोर्टफोलियो कहते हैं) की समीक्षा कर सकते हैं, उसमें बदलाव कर सकते हैं। पोर्टफोलियो की समीक्षा के दौरान पिछले करीब 5 साल से अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले शेयर, म्युचुअल फंड स्कीम, एफडी बगैरह को हम छोड़ सकते हैं और पोर्टफोलियो में कुछे अच्छे शेयर, अच्छी म्युचुअल फंडस् स्कीम का समावेश कर सकते हैं। 

तो, साफ सुथरे घर में स्वच्छ मन से जब भी बप्पा के सामने पूजा के लिए बैठें तो वेल्थ क्रिएशन के 7 नियम सीखना कभी मत भूलें। आइए बताते हैं क्या हैं वो 7 नियम: 

1-बप्पा का हाथी जैसा सिर: बप्पा का माथा बुद्धि, ज्ञान और अज्ञानता को खत्म करने का प्रतीक है। सबसे पहले वेल्थ निर्माण करने वाले निवेश के साधनों के बारे में जानकारी लें। अज्ञानता के लिए जिम्मेदार सभी बाधाओं को दूर करें और आंख बंद करके निवेश करने की आदत को छोड़ दें।  

2. बप्पा का कान: भगवान गणेश जी का बड़ा कान लगातार जागरूक रहने का प्रतीक है। सतर्क रहें और सभी खबर, घोषणा, विकास, नीति में बदलाव और बाजार के उतार-चढ़ाव पर नजर रखें। 

3. बप्पा का सुंड: भगवान विनायक का सुंड़  ग्रहण करने की ताकत का प्रतीक है। जिस तरह से सुंड़ बड़े-बड़े दरख्तों को गिरा देता है और छोटे-छोटे नारियल को फोड़ देता है, ठीक उसी तरह आपके पोर्टफोलियो में छोटी अवधि, मध्यम अवधि और लंबी अवधि के फाइनेंशियल लक्ष्य को पूरे करने वाले निवेश होने चाहिए। इसके अलावा, अपना पोर्टफोलियो अपनी आय के मुताबिक बनाएं। 
  
4. बप्पा का बड़ा पेट: भगवान जी का बड़ा पेट अच्छी खबरें और बुरी खबरें दोनों को पचाने का प्रतीक है। आपके शेयरों में 10% की बढ़ोतरी या फिर 3% की गिरावट से आप ज्यादा उत्साहित या ज्यादा मायूस ना हों। अपने भगवान की तरह हमें भी अच्छे या बुरे खबर को पचाने की ताकत होनी चाहिए, ना की हर खबर पर प्रतिक्रिया देने की आदत। 

5. बप्पा के यंत्र अंकुश और पाश:   अंकुश और पाश केंद्रित और नियंत्रित रहने का प्रतीक है। बाजार में बहुत सारे निवेश साधन और उन साधनों पर बहुत सारे विश्लेषण हैं जो कि हमारा ध्यान भटका सकते हैं। भगवान के हाथ में मौजूद अंकुश अपने फाइनेंशियल प्लान पर केंद्रित रहने और निवेश साधन में अफरा-तफरी से दूर रहने की याद दिलाता है। अगर आप बिना उद्देश्य के निवेश करते हैं तो भगवान जी के हाथ में मौजूद पाशा आपको ट्रैक पर आने के लिए विवश करता है। 

6. बप्पा का एक दांत: भगवान जी का एक दांत अपने संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि ऋषि व्यास के लिए महाभारत लिखने के दौरान उनका एक दांत टूट  गया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भगवान जी अपने वादे को पूरा करने और अपने काम को खत्म करने के लिए लगातार लिखते रहे थे। एक दांत टूटने की वजह से उनको एकदंत भी कहा जाता है। बप्पा की ये कहानी हमें अपने मौजूदा संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर वेल्थ क्रिएशन यानी संपत्ति निर्माण की प्रेरणा देता है। 

7. बप्पा की सवारी चूहा: गणेश जी की सवारी चूहा है जो कि काफी ताकतवर और समृद्ध होने पर विनम्र रहने का प्रतीक है।  इसलिए अगर आपने काफी संपत्ति का निर्माण कर लिया है तो विनम्र बने रहना चाहिए। एक बात याद रखें भाग्य बहुत चंचल होता है और ये चूहे की तरह गायब भी हो सकता है। 

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