अक्टूबर में WPI महंगाई लगातार 12 वें महीने घटी

अक्टूबर में लगातार 12 वें महीने थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित महंगाई दर गिरकर (-)3.8% रही, जबकि सितंबर में (-)4.54% थी। पिछले अक्टूबर में थोक महंगाई दर 1.66% थी।

ईंधन की कीमतों में आई कमी इसकी मुख्य वजह रही, लेकिन खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर बढ़ना चिंता का विषय है। सालाना आधार पर अक्टूबर में खाने-पीने की चीजों की थोक महंगाई दर 2.44% बढ़ी है,जबकि फ्यूल की थोक कीमत 16.32 % घटी है।

ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में प्याज की थोक महंगाई दर 85.66% बढ़ी, जबकि इससे पिछले साल इसी महीने इसमें 59.01% की कमी आई थी। वहीं दाल इस दौरान 4.02% के मुकाबले 52.98% महंगी
हुई।

बता दें कि थोक महंगाई दर में सबसे अधिक वेटेज 64.97% मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट का है, प्राइमरी आर्टिकल (फूड और नॉन फूड आर्टिकल) का वेटेज 20.12%, जबकि फ्यूल और पावर का वेटेज 14.91% है।

((सितंबर में थोक महंगाई लगातार 11वें महीने घटी 
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/10/blog-post_14.html

((अक्टूबर CPI महंगाई दर बढ़कर 5.00% हुई 
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/11/cpi-500.html

((CPI से कैसे अलग है WPI महंगाई दर 
http://beyourmoneymanager.blogspot.com/2015/10/cpi-wpi.html

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