गोल्ड बान्ड या जूलरी; सोने में निवेश के लिए बेहतर कौन ?

इस महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोने में निवेश के लिए तीन नई स्कीम-गोल्ड बान्ड, गोल्ड डिपॉजिट स्कीम और इंडिया गोल्ड क्वाइन लॉन्च करने के बाद सोने में निवेश के विकल्प बढ़ गए हैं। अभी तक सोने की जूलरी, गोल्ड फंड्स, सिक्के और बार्स, गोल्ड ईटीएफ निवेश के साधन के रूप में मौजूद थे। लेकिन, अब जबकि सोने में निवेश के मौके बढ़ गए हैं, तो सवाल है कि इसमें से बेहतर साधन कौन हैं?

बेहतर निवेश वही होगा, जिसमें मुनाफा ज्यादा हो, निवेश के खर्च कम हो, निवेश करने में आसानी हो, निवेश की शर्तों में पारदर्शिता हो, निवेश पर लोन की सुविधा हो बगैरह-बगैरह।

सोने की कीमत में आपके निवेश अवधि के दौरान कमी हो या बढ़े, इसका असर तो सोने के हरेक निवेश साधन पर पड़ना लाजिमी है, लेकिन निवेश करने के दौरान होने वाले खर्च और उन पर अगर निवेश अवधि के दौरान इंटरेस्ट मिल रहा हो, तो उन साधनों के बीच फर्क पड़ जाता है।

निवेश पर खर्च और रिटर्न के आधार पर सोने के निवेश के साधनों में फर्क: 

निवेश के साधन                   शुल्क                   ब्याज सालाना (%)
गोल्ड बान्ड                      कुछ नहीं                           2.75
गोल्ड डिपॉजिट स्कीम         कुछ नहीं                           2.25
गोल्ड ईटीएफ             करीब 1% एक्सपेंस रेश्यो           कुछ नहीं
सिक्के और छड़             करीब 5% मेकिंग चार्ज              कुछ नहीं
गोल्ड फंड्स                करीब 1.75% एक्सपेंस रेश्यो      कुछ नहीं
जूलरी                       करीब 15% मेकिंग चार्ज            कुछ नहीं

यानी अगर आप गोल्ड ईटीएफ, सिक्के और छड़, गोल्ड फंड्स या जूलरी में निवेश का खर्च गोल्ड बान्ड या गोल्ड डिपॉजिट स्कीम में निवेश खर्च के मुकाबले ज्यादा है। गोल्ड बान्ड और गोल्ड डिपॉजिट स्कीम में तो निवेश पर आपको कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा इन दोनों स्कीम पर आपको 2.75%-2.25% सालाना ब्याज भी मिलेगा। लंबी अवधि के निवेशकों को इसका ज्यादा फायदा मिलेगा।

अगर सोने की कीमत में गिरावट आती भी है तो आपको आपके निवेश पर ब्याज तो मिलना ही मिलना है, लेकिन गोल्ड ईटीएफ, सिक्के और छड़, गोल्ड फंड्स या जूलरी में निवेश पर आपको ये सुविधा है।

((बढ़ता रहे देश, 'सोने पे सुहागा' होगा आपका निवेश: भाग-1 
http://beyourmoneymanager.blogspot.com/2015/11/1.html

गोल्ड बान्ड के दूसरे फायदे: 
-इश्यू और रीडेम्प्शन प्राइस 99.9% खरा सोने की कीमत से संबद्ध (Linked)
-डीमैट फॉर्म में जारी किए जाएंगे यानी फिजीकल फॉर्म में रखने के झंझट से मुक्ति
-शेयर बाजार में लिस्ट होगा बान्ड, इसलिए लिक्डिविटी को लेकर परेशानी नहीं
-गोल्ड ईटीएफ के  जैसा  ही बान्ड के आधार पर बैंकों से लोन लेने की सुविधा
-इंडियन बुलियन और जूलरी एसोसिएशन (IBJA) द्वारा कीमत का
निर्धारण, वैट को छोड़कर
-यानी गोल्ड बान्ड खरीदते या बेचते समय ग्राहकों को वैट देने से राहत

((बढ़ता रहे देश, 'सोने पे सुहागा' होगा आपका निवेश: भाग-2
http://beyourmoneymanager.blogspot.com/2015/11/2.html

((बढ़ता रहे देश, 'सोने पे सुहागा' होगा आपका निवेश: भाग-3
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/11/3.html

DISCLAIMER: इसे निवेश की सलाह ना मानें, केवल जानकारी के लिए दी गई है। 

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