पत्रकार से स्टार्ट अप बने प्रमोद प्रवीण संवार रहे हैं लोगों का भविष्य

नई राहें, नई मंजिलें: प्रमोद

देश में स्टार्ट अप की नई पौध पनप रही है। अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर लोग कुछ नया करना चाहते हैं, कुछ अलग करना चाहते हैं, कुछ ऐसा करना चाहते हैं जिससे समाज को फायदा हो। इन्हीं में से एक हैं प्रमोद प्रवीण। पत्रकार से स्टार्टअप बने प्रमोद ना केवल सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं बल्कि इसके जरिए लोगों का भविष्य भी संवार रहे हैं।

उन्होंने सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए पत्रकारिता छोड़ दी। प्रमोद चाहते हैं कि सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम सिर्फ कागजों पर ना रहकर वास्तविक धरातल पर भी उतरे। उन्होंने जो शुरुआत की है, उससे कैरियर बनाने के लिए परेशान छात्र-छात्राओं और दूसरे लोगों को काम के नए मौके भी मिल रहे हैं। beyourmoneymanager  ने उनकी नई शुरुआत और उससे मिल रहे फायदे के बारे में विस्तार से चर्चा की।

प्रमोद से बातचीत के खास अंश....


beyourmoneymanager-पत्रकारिता छोड़कर स्टार्ट अप बनने के पीछे की वजह ?

डॉ. प्रमोद – मैंने करीब 12 वर्षों तक सक्रिय टीवी पत्रकारिता की है। इस दौरान लिखने-पढ़ने और जनमानस की समस्याओं को उठाने का मौका तो मिला ही साथ ही युवाओं के लिए कुछ करने का जज्बा भी मन में तैयार हुआ। चूंकि मैं भूगोल विषय में पीएचडी हूं और उस स्किल का इस्तेमाल मैं अच्छी तरह से नहीं कर पा रहा था, इसलिए पठन-पाठन के प्रति रूझान बढ़ चला। शिक्षक परिवार से होने की वजह से भी शिक्षण कारोबार में दिलचस्पी रही।
beyourmoneymanager-क्या सोचकर आपने ये संस्थान खोला  ?
डॉ. प्रमोद - देखिए, देश के युवाओं के सामने नौकरी एक बड़ी समस्या है। सभी को नौकरी तो मिल नहीं सकती।
इसलिए हमने सोचा क्यों ना कुछ ऐसा किया जाय जिससे नौकरियों के नए अवसर तैयार हों और उद्दोग जगत खासकर सर्विस सेक्टर को स्किल्ड वर्क फोर्स मिल सके। साथ ही जो लोग स्वयं का कारोबार करना चाहें वो कर सकें। चूंकि मेरी पारिवारिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि शिक्षा से जुड़ी रही इसलिए मैंने भूगोल की ही नई शाखा भू सूचना विज्ञान जिसे सरल भाषा में जियो इन्फोर्मेटिक्स कहा जाता है, का पठन-पाठन शुरू किया।

beyourmoneymanager-अपने संस्थान के बारे में विस्तार से बताएं  ?
डॉ. प्रमोद - हमारे संस्थान का नाम इन्स्टीट्यूट ऑफ इनवॉयरमेंट एंड जियो-इन्फॉर्मेटिक्स है। यह दिल्ली के
लक्ष्मीनगर में स्थित है। यह संस्थान भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) और सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग) से जुड़ी तकनीकि शिक्षा मुहैया कराता है। इसमें छात्रों को जीआईएस से जुड़ी सॉफ्टवेयर ट्रेनिंग दी जाती है। साथ ही टोटल स्टेशन सर्वे और डीजीपीएस की भी जानकारी दी जाती है।

beyourmoneymanager-आपके यहां कौन लोग कोर्स करते हैं और क्या संभावनाएं है?
डॉ. प्रमोद -इसमें दो तरह के लोग सीखने आते हैं-एक तो जो लोग 12वीं या ग्रैजुएशन कर बेरोजगार हैं, वो सीखकर 10 से 15 हजार रुपये प्रति माह की नौकरी पा रहे हैं। दूसरा वर्ग नौकरीपेशा लोगों का है जो अपना स्किल डेवलप करना चाहते हैं, इससे उन्हें करियर में प्रमोशन मिलता है।

beyourmoneymanager-नए बच्चों के लिए कैरियर बनाने की दिशा में आपका संस्थान किस हद
तक मददगार साबित होगा  ?
डॉ. प्रमोद -देश के विकास में जीआईएस टेक्नोलॉजी की भूमिका बढ़ती जा रही है। बात आधारभूत संरचनाओं
के विकास की हो या दूरसंचार, कृषि, पर्यावरण, खनन, आपदा या अन्य मैकेनिज्म के मैनेजमेंट की, जीआईएस स्किल का इस्तेमाल हर सेक्टर में है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए आपका काम न केवल आसान हो जाता है बल्कि प्रोजेक्ट में लगनेवाला समय भी कम हो जाता है। आज की तारीख में रियल टाइम डाटा की बात बड़े जोर-शोर से हो रही है। यह इस तकनीक के बिना संभव नहीं है। आगे आनेवाले दिनों में बिजली, पानी, सीवर, स्वच्छता, सड़क-रेल-जल यातायात निगरानी, शिक्षा, कृषि, बैंकिंग, चिकित्सा, खनन उत्पादन, औद्योगिक उत्पादन और तमाम सर्विस सेक्टर इस तकनीक के सहारे सुचारू रूप से नियंत्रित होंगे।

beyourmoneymanager-सरकार डिजीटल इंडिया मुहिम को जोर-शोर से चला रही  है, क्या आपको किसी तरह की कोई सरकारी मदद मिल रही है  ?
डॉ. प्रमोद -सरकार की मुहिम का एक सकारात्मक प्रभाव लोगों पर पड़ा है। लोग अब जागरूक हो रहे हैं लेकिन उनकी संख्या अभी भी बहुत कम है। देश के ग्रामीण इलाकों के लिए अभी भी यह अबुझ पहेली की तरह है। सरकार को अभी इस दिशा में लंबा सफर तय करना है। आर्थिक अनुदान के लिए भी सरकार को लंबी रेखा खींचनी होगी ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सकें।

beyourmoneymanager-आपने चूंकि नए क्षेत्र में कदम रखा है, तो कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा होगा...क्या हैं ये चुनौतियां ?
डॉ. प्रमोद - चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती तो लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की है। हालांकि यह स्टार्टअप है। अभी स्टैंड अप मोड में आने में वक्त लगेगा लेकिन लोग आ रहे हैं। उनमें सीखने की ललक है। आज का युवा अपने को तमाम गुणों से लैस करना चाहता है, वो हर अवसर को भुनाना चाहता है, इसलिए इस तकनीकि के प्रति उनका रुझान बढ़ रहा है।

प्रमोद प्रवीण से आप भी जुड़ सकते हैं .....
राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन से जुड़िए..
E-mail : info@taleemindia.com

((टाटा की 'रतन' स्टार्टअप कंपनियां
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/07/blog-post_26.html

2 टिप्‍पणियां