सहारा इंडिया के निवेशकों के लिए जरूरी खबर

मुश्किल दौर से गुजर रहा सहारा ग्रुप के लिए एक और बुरी खबर है। रिजर्व बैंक ने इस ग्रुप के लिए पैसे जुटाने वाली मुख्य कंपनी सहारा इंडिया फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन (SIFCL) का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है।

2008 में रिजर्व बैंक द्वारा SIFCL के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई तक ये देश की एक बड़ी फाइनेंशियल कंपनी थी जिसके पास 4.25 करोड़ निवेशक थे। 2008 में कंपनी द्वारा नियमों का उल्लंघन किए जाने के आरोप में रिजर्व बैंक ने परिपक्वता अवधि (मैच्योरिटी) पर सभी निवेशकों को पैसे वापस कर देने और नया निवेश नहीं स्वीकार करने की हिदायत दी थी।

तब SIFCL ने पब्लिक नोटिस में कहा था 'जून 2011 तक कंपनी ने 73 हजार करोड़ रुपए की जमाराशि स्वीकार की है...कंपनी ने फैसला किया है  दिसंबर 2011 तक वो सभी देनदारियों का भुगतान कर देगी।' रिजर्व बैंक द्वारा कार्रवाई करने से पहले SIFCL सहारा ग्रुप के लिए फंड जुटाने वाली प्रमुख कंपनी थी जिसका इस्तेमाल अलग-अलग कारोबार में किया जाता था।

((इन कंपनियों में पैसे मत लगाइगा, वरना डूबना तय है , क्योंकि 
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((PACL  में पैसा लगाए हैं, तो आपके लिए जरूरी खबर 
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