री-इम्बर्समेंट मिलता है, तो फिर से टैक्स प्लानिंग करना पड़ेगा !

उम्मीद है कि इस फाइनेंशियल ईयर  यानी 2015-16 के लिए आपने टैक्स प्लानिंग करके उस पर अमल भी करना शुरू दिया होगा, लेकिन अब इसमें नया ट्वीस्ट आ गया। अगर, आप सब्सिडी, री-इम्बर्समेंट, अनुदान, नकद प्रोत्साहन के पैसे लेते हैं तो आपको फिर से टैक्स प्लानिंग करने की जरूरत पड़ सकती है।
दरअसल, पिछले हफ्ते लोकसभा में पारित वित्त विधेयक, 2015 में इनकम टैक्स कानून के तहत इनकम का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव है। विधेयक में संशोधन कर इसके लिए एक अलग उपबंध शामिल किया गया है, जिसके अनुसार केंद्र, राज्य सरकार या किसी अथॉरिटी की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी, अनुदान, नकद प्रोत्साहन और री-इम्बर्समेंट आदि को इनकम में जोड़ा जाएगा।
अभी तक इसे इनकम की लिस्ट में शामिल नहीं किया जाता है। जाहिर है जब इन सबको इनकम में शामिल किया जाएगा, तो आप पर टैक्स की मार भी बढ़ेगी। हालांकि, जानकार अभी इन प्रावधानों पर और सफाई का इंतजार कर रहे हैं।
-क्या है वित्त विधेयक(Finance Bill): 
नए कर लगाने, कर प्रस्तावों में परिवर्तन या मौजूदा कर ढांचे को जारी रखने के लिए संसद में प्रस्तुत विधेयक को वित्त विधेयक कहते हैं।
(आर्काइव से )आपको सालभर में कितना इनकम टैक्स चुकाना है, ये जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक 
पर क्लिक कर, पढ़ सकते हैं
'इनकम टैक्स कितना है चुकाना, मुश्किल नहीं गणना करना'
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015 /02/blog-post_20.html


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