अब म्युचुअल फंड्स मेट्रो और बड़े-बड़े चुनिंदा शहरों से बाहर निकलकर छोटे-छोटे शहरों पर अपनी धाक जमा रहे हैं। छोटे शहरों को म्युचुअल फंड में निवेश किस कदर लुभा रहा है, इसका अंदाजा Association of Mutual Funds of India (AMFI) के ताजा आंकड़ो से आसानी से लगाया जा सकता है।
AMFI के इस आंकड़े के मुताबिक, म्युचुअल फंड्स के एसेट वैल्यू में छोटे शहरों, जो कि टॉप शहरों (मसलन, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई) से बाहर हैं और B-15लिस्ट में शामिल हैं, का योगदान इस साल मार्च में 36 % बढ़ा है। पिछले सालमार्च के अंत में म्युचुअल फंडस के Assets Under Management (AUM)में इन शहरों का हिस्सा 1.39 लाख करोड़ रुपए था जो कि इस साल मार्च में बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपए हो गया।
जानकारों के मुताबिक, म्युचुअल फंड्स में निवेश को लेकर मार्केट रेगुलेटर सेबी के अलावा डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा चलाए जा रहे इन्वेस्टर जागरुकता प्रोग्राम से फायदा मिल रहा है। इसके अलावा, शेयर बाजार में कुछ समय से चल रही तेजी ने भी म्युचुअल फंड्स को छोटे शहरों के लिए आकर्षक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
B15 शहरों में NCR समेत नई दिल्ली, ठाणे और नवी मुंबई समेत मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरू, अहमदाबाद, बड़ौदा, चंडीगढ़, हैदराबाद, जयपुर, कानपुर, लखनऊ, पंजिम, पुणे और सूरत से बाहर के शहर शामिल हैं।
आपको बता दें कि इस समय 44 म्युचुअल फंड कंपनियां करीब 12 लाख करोड़ रुपए का एसेट मैनेज कर रही हैं।
AMFI के इस आंकड़े के मुताबिक, म्युचुअल फंड्स के एसेट वैल्यू में छोटे शहरों, जो कि टॉप शहरों (मसलन, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई) से बाहर हैं और B-15लिस्ट में शामिल हैं, का योगदान इस साल मार्च में 36 % बढ़ा है। पिछले सालमार्च के अंत में म्युचुअल फंडस के Assets Under Management (AUM)में इन शहरों का हिस्सा 1.39 लाख करोड़ रुपए था जो कि इस साल मार्च में बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपए हो गया।
जानकारों के मुताबिक, म्युचुअल फंड्स में निवेश को लेकर मार्केट रेगुलेटर सेबी के अलावा डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा चलाए जा रहे इन्वेस्टर जागरुकता प्रोग्राम से फायदा मिल रहा है। इसके अलावा, शेयर बाजार में कुछ समय से चल रही तेजी ने भी म्युचुअल फंड्स को छोटे शहरों के लिए आकर्षक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
B15 शहरों में NCR समेत नई दिल्ली, ठाणे और नवी मुंबई समेत मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरू, अहमदाबाद, बड़ौदा, चंडीगढ़, हैदराबाद, जयपुर, कानपुर, लखनऊ, पंजिम, पुणे और सूरत से बाहर के शहर शामिल हैं।
आपको बता दें कि इस समय 44 म्युचुअल फंड कंपनियां करीब 12 लाख करोड़ रुपए का एसेट मैनेज कर रही हैं।
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